IPL 2019, के 12वें संस्करण में मोहाली के आईएस बिंद्रा स्टेडियम में सोमवार को खेले गए मुकाबले में दिल्ली कैपिटल्स ने एक अनोखा उदाहरण पेश किया कि मैच पर पकड़ बनाकर कैसे गंवाया जाता है!! जीत के लिए 167 रनों का पीछा कर रही दिल्ली का स्कोर एक समय 16 ओवर में 3 विकेट पर 137 रन था. यहां से उसे जीत के लिए 4 ओवरों में 30 रन बनाने थे और सात विकेट उसके हाथ में थे, लेकिन 17वें ओवर में ही मैच की तस्वीर बदलनी शुरू हो गई
शमी के इस ओवर में पहले जमकर खेल रहे पतं (39) और क्रिस मोरिस आउट हुए, तो 18वें ओवर में सिर्फ 20 साल के सैम कुरैन ने तीन गेंदों के भीतर इंग्राम (38) और हर्षल पटेल (0) को आउट करके कैपिटल्स को पूरी तरह बैकफुट पर भेज दिया. जब 19वें ओवर में शमी ने हनुमा विहारी की गिलिल्यां बिखेर दीं, तो साफ हो गया कि अब दिल्ली को निपटाने की औपचारिकता बाकी है. और कुरैन ने 20वें ओवर की शुरुआती दो गेंदों पर रबाडा और लैमिछाने को आउट करने के साथ ही हैट्रिक जड़कर पंजाब की जीत पर भी मुहर लगा दी. आखिरी 17 गेंदों में 8 रन के भीतर दिल्ली ने अपने सात विकेट गंवाए. और यह बड़ा पतन ही दिल्ली को मोहाली में डुबो गया. सैम कुरैन को मैन ऑफ द मैच की टक्कर देने वाला दूर-दूर तक कोई नहीं था.
पंजाब से मिले 167 रन का पीछा कर रही दिल्ली के खिलाफ अश्विन ने पिच के हिसाब से बिल्कुल सही चाल चली. वजह न सीम हो रही थी न उछाल थी. गेंद रुककर जरूर आ रही थी, और ज्यादा उतावलापन युवा पृथ्वी शॉ (00) को पहली ही गेंद पर विकेट के पीछे लपकवा गया. इसके बाद धवन और श्रेयस अय्यर ने ज्यादा उतावलापन नहीं दिखाया. जमीन से बाउंड्रियां बटोरीं और सिंगिल और डबल्स पर ज्यादा फोकस किया. निश्चित ही , पृथ्वी की फॉर्म को देखते हुए नुकसान तो बड़ा ही था, लेकिन ये दोनों छह ओवर खत्म होने के बाद दिल्ली के स्कोर को 1 विकेट पर 49 रन तक ले गए.
इससे पहले किंग्स इलेवन पंजाब ने डेविड मिलर (43 रन, 30 गेंद, 4 चौके, 2 छक्के) और सर्फराज खान (39 रन, 29 गेंद 6 चौके) की उम्दा पारियों से दिल्ली कैपिटल्स को जीत के लिए 167 रनों का टारगेट दिया. बैटिंग के लिए आसान पिच पर पंजाब की शुरुआत अच्छी नहीं रही और जल्द ही उसके दोनों ओपनर पवेलियन लौट गए, ऐसे में तीसरके विकेट के लिए सर्फराज और डेविड मिलकर ने चौथे विकेट के लिए अहम 62 रन जोड़कर शुरुआती नुकसान की भरपाई की कोशिश की. और इनके बाद आखिरी पलों में मनदीप सिंह (नाबाद 29 रन, 21 गेंद, 2 चौके, 1 छक्के) ने एक छोटी, लेकिन उपयोगी पारी खेली. और इन बल्लेबाजों के प्रयासों से पंजाब की टीम कोटे के 20 ओवरों में 9 विकेट पर 166 रनों तक पहुंचने में कामयाब रही. क्रिस मोरिस ने तीन विकेट लिए, जबकि रबाडा और नेपाल के संदीप लैमिछाने ने दो-दो बल्लेबाजों को आउट किया.
दिल्ली ने जिस अनुमान के साथ टॉस जीतने के बाद पहले गेंदबाजी चुनी, उसमें साफ हो गया कि उसका मैनजमेंट पिच पढ़ने में चूक गया. रबाडा के पहले ही से साफ हो गया कि मोहाली के आईएस बिंद्र स्टेडियम की इस पिच में वैसी तेजी, उछाल या डंक नहीं था, जिसे समझकर दिल्ली कैपिटल्स ने पहले गेंदबाजी का फैसला लिया. बैटिंग के लिए यह ठीक पिच थी, लेकिन बावजूद इसके स्टार बल्लेबाज केएल राहुल (11) को रबाडा ने दूसरे ही ओवर में एलबीडब्ल्यू कर चलता कर दिया. आवेश खान के फेंके तीसरे ओवर में लेफ्टी सैम कुरैन ने तीन चौके जड़कर दिखाया कि यह पिच बैटिंग पिच है, लेकिन अगले ही ओवर में संदीप लैमिछाने ने कुरैन को एलबीडब्ल्यू कर उनकी पारी का अंत कर दिया. युवा सर्फराज खान ने भी क्रिस मोरिस के पावर-प्ले के आखिरी ओवर में दो चौके जड़ टॉप क्लास टाइमिंग का परिचय दिया. और 6 ओवर खत्म होने के बाद पंजाब का 2 विकेट पर 54 रन यह बताने के लिए काफी रहा कि भले ही दिल्ली कैपिटल्स पिच पढ़ने में चूक गया हो, लेकिन इसके बावजूद उसके गेंदबाजों ने पंजाब के दो अहम विकेट चटका दिए.
विकेट पतन: 15-1 (राहुल, 1.5), 36-2 (कुरैन, 3.5), 58-3 (मयंक, 7.1), 120-4 (सर्फराज, 13.5), 137-5 (मिलर, 16.2), 146-6 (विजोइन, 17.3), 152-7 (आर. अश्विन, 18.5), 153-8 (एम. अश्विन, 19.1), 156-9 (शमी, 19.4)
इससे पहले दिल्ली कैपिटल्स ने टॉस जीतने के बाद किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ बहुत ही साहसी फैसला लिया. दिल्ली ने आईएस बिंद्रा स्टेडियम में बल्लेबाजी के बजाय पहले गेंदबाजी करने को प्राथमिकता दी, जिसने सभी को हैरान कर दिया है. लेकिन दिल्ली ने अगर ऐसा किया है, तो उसके पीछे वजह भी बहुत ही ठोस है. और इसके पीछे है मोहाली की पिच.