सरकार द्वारा लागू नोटबंदी को आज 1 साल साल हो गया है। लोगों ने नोटबंदी पर अपनी मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। ज्यादातर लोग नोटबंदी से परेशान नजर आए। उन्होंने सरकार के निर्णय को तो ठीक बताया लेकिन लागू करने के तरीकों को बताया गलत। लोगों ने नेताओं पर इस मामले में उंगलियां उठाई।
नरेंद्र मोदी सरकार की नोटबंदी की आज वर्षगांठ है। भाजपा जहां आज के दिन जश्न मना रही है , वही विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने नोटबंदी के फैसले पर आज काला दिवस मनाने का फैसला लिया है । आम पब्लिक जहां नोटबंदी के फैसले को तो ठीक बता रही है लेकिन इसके लागू करने के सरकार के तरीके पर उन्होंने कई आपत्तियां जताई है। नोटबंदी पर महिला का कहना है कि नोटबंदी के एकाएक किए गए सरकारी फैसले से उन की रसोई का बजट जरूर बिगड़ गया है लेकिन लोगों का काला धन भी बाहर आया है।
मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले को जहां कुछ लोगों ने अच्छा बताया है। वही ज्यादातर लोगों ने जल्दबाजी में लिया गया गलत फैसला करार दिया है। उनका कहना है कि मोदी सरकार के इस फैसले से जहां ब्लेक मार्किट करने वालों द्वारा दफन किया गया काला धन जरूर बैंकों में आया है लेकिन वही उग्रवादियों को हो रही फंडिंग पर अंकुश लगा है।
सरकार के नोटबंदी के इस फैसले पर बिजनेसमैन खासे नाराज नजर आए उनका कहना था कि सरकार ने यह फैसला जल्दबाजी में लिया है । यदि सरकार सोच समझकर धीरे धीरे इसे लागू करती तो सरकार के पास काला धन भी वापस आ जाता और व्यापारी को नुकसान भी नहीं उठाना पड़ता। उनका यह भी कहना है कि इससे न तो तहखानों में छिपाया गया काला धन वापस आया बल्कि व्यापारियों और आम नागरिकों की मुश्किलात जरूर बड़ी है। व्यापारियों का यह भी कहना है कि सरकार को 500 और 1000 के नोट बंद करने की जगह नए नोट की छपाई कर दी जाती और बैंक में जमा कराने वाले लोगों से इसके प्रमाण लिए जाते जिसका सरकार और व्यापारियों को ज्यादा फायदा होता। क्योंकि सरकार द्वारा लिए गए आनन फानन नोटबंदी के फैसले के कारण निम्न वर्ग को खासा नुकसान झेलना पड़ा है और बैंक की लाइन में लगे कुछ लोगों की असमय मौत भी हो गई है।