अम्बाला में जवान बेटे की मौत से दुखी एक पिता ने सल्फास निगलकर जान दे दी। बैंक कर्मी ने पार्क में जाकर जहर खाया। जिसके बाद उन्होंने परिवार के लोगों को फोन करते हुए बेटे का बुलावा आने उसके पास जाने की बात कही। परिवार के लोग उन्हें अस्पताल लाए जहां उन्होंने दम तोड़ दिया। बैंक कर्मी गोपीचंद दुआ के शव को पोस्टमार्टम के लिए अम्बाला कैंट के सिविल अस्पताल में लाया गया है।
अम्बाला कैंट के महेश नगर क्षेत्र के अग्रसेन नगर के रहने वाले गोपीचंद दुआ के जवान बेटे भरत दुआ ने लगभग तीन महीने पहले अपनी कार में ही सल्फास खाकर जान दे दी थी। भरत का अम्बाला में प्रॉपर्टी का अच्छा खासा काम था। उसने किन हालातों में जहर खाकर आत्महत्या की ये बात परिवार के लिएआज भी राज बनी हुई है। दुआ परिवार लगातार पुलिस से तरुण की मौत के राज से पर्दा उठाने की गुहार लगा रहा था। परन्तु पुलिस इस मामले में दुआ परिवार को कोई रास्ता नही दे रही थी। दुआ परिवार को जानने वाले लोग बताते हैं कि एकलौते बेटे द्वारा अचानक आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठा लेने के बाद पिता गोपीचंद अंदर ही अंदर घुट रहे थे जिसके चलते उन्हें जिंदगी से आसान शायद मौत का रास्ता दिखाई दिया और उन्होंने मौत को गले लगा लिया।
मृतक गोपीचंद दुआ के दिवंगत बेटे भरत दुआ के दोस्तों के मुताबिक गोपीचंद दुआ सरकारी बैंक में सीनियर अधिकारी के पद पर तैनात थे। परन्तु बेटे भरत की मौत के बाद से वह कुछ परेशान चल रहे थे। गोपीचंद दुआ सुबह अपने घर से निकलकर सेना क्षेत्र के पटेल पार्क में गए और वहां उन्होने सल्फास निगलकर जान दे दी। बताया जा रहा है अपनी सांसे उखड़ने से पहले गोपीचंद ने अपने परिजनों को फोन करके जहर खा लेने के बारे में बताया और कहा कि मुझे भरत बुला रहा है मैं उसके पास जा रहा हूँ। इतना सुनते ही परिवार के होश फाख्ता हो गए और कोहराम मच गया। गोपीचंद दुआ के दामाद और दोस्त उन्हें पार्क से उठाकर अम्बाला कैंट के सिविल अस्पताल लाये परन्तु तब तक बहुत देर हो चुकी थी। गोपीचंद दुआ को यहां से चंडीगढ़ पीजीआई रेफर किया गया परन्तु उन्होंने रास्ते मे ही दम तोड़ दिया। पुलिस ने पार्क में जाकर मौके का मुआयना किया और हालात जाने। परिवार वालों के बयान लेने के बाद पुलिस ने गोपीचंद दुआ के शव का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों के हवाले कर दिया है।